30 Jun डिजिटल मार्केटिंग के लिए कितनी ज़रूरी है अंग्रेज़ी
और ये तो हम जानते ही है कि भारत की अधिकतर आबादी हिंदी में ही अपने विचारों का आदान-प्रदान करती है। आज फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सएप्प पर अंग्रेजी में लिखे गये पोस्ट या टिप्पणियों की भीड़ में हिंदी में लिखी गई पोस्ट व टिप्पणियाँ यूज़र्स को ज्यादा आकर्षित करती हैं।
किसी भी मल्टीनेशनल कंपनी या देश के लिए अपने प्रोडक्ट को बेचने और आम आदमी तक पहुँचाने के लिए जनभाषा ही सबसे सशक्त माध्यम है। और आज देश-विदेश की कई कंपनियां अपने ग्राहकों से उनकी भाषा में ही कम्युनिकेशन कर व्यापारिक संबंध स्थापित कर रही है।
अगर आपको इन बातों का ज्ञान है कि, कौनसा कंटेंट कब और कैसे डालना है, किस डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर डालना है, उस कंटेंट को क्रिएटिव कैसे दिखाना है, टारगेट ऑडियंस तक कैसे पहुँचाना है तो किसी भी भाषा के ज्ञान का अभाव आपको डिजिटल मार्केटिंग करने से नहीं रोक सकता।
ये सब बातें साबित करती है कि डिजिटल मार्केटिंग किसी एक विशेष भाषा पे आधारित नहीं है, इसमें टारगेट ऑडियंस को ध्यान में रखकर ही विपणन और विज्ञापन की रणनीतियों को तैयार किया जाता है, न कि किसी विशेष भाषा को ध्यान में रखकर!
इन्टरनेट संभावित कंज़्यूमर्स का भंडार है। डिजिटल मार्केटिंग के ज़रिए आपका विज्ञापन जितने अधिक से अधिक लोगों पहुँचेगा आपकी सफलता की प्रायिकता उतनी ही बढ़ती जाएगी।
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