03 Jun आइए जाने कॉर्पोरेट फ़िल्म के बारे में अब हिंदी में
आज तक कॉर्पोरेट दुनिया से जुड़ी तमाम बातें हम अंग्रेज़ी में सुनते आए, पढ़ते आए और देखते आए। लेकिन अब इस दुनिया के बारे में हम हिंदी में भी बात करेंगे और विस्तार से इसे जानेंगे भी-
किसी भी सफल कॉर्पोरेट संस्थान की आंतरिक कार्यप्रणाली काफ़ी तेज़ और फ्रिल-फ्री डिजाइन पर आधारित होती है। ऐसी प्रणाली में, एक पक्ष से दूसरे पक्ष तक सूचना का आदान-प्रदान सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। और जब इस प्रक्रिया में समय बचाने की बात आती है तो कंपनी के लिए एक दृश्य माध्यम से बेहतर और कुछ नहीं रह जाता।
ये सच है कि फिल्में दर्शकों पर लंबे समय तक प्रभाव छोड़ती है। यही वजह है कि ‘एक कॉर्पोरेट फिल्म या वीडियो’ बनाया जाता है। ये एक ‘नॉन-एडवरटाइज़िंग’ वीडियो सामग्री हैं जो किसी कंपनी, व्यवसाय, संगठन या निगम के लिए बनाई जाती है।
परिभाषा के अनुसार, ‘कॉर्पोरेट फिल्में’ किसी कंपनी की कहानी, उसके प्रोडक्ट्स या सर्विस का वीडियो कवरेज है, जो कंपनी के विषय, मूल्य, मिशन, मूल नीति और उस कंपनी के होने का अस्तित्व दर्शाती है तथा इस फ़िल्म के ज़रिए कंपनी को बाजार में अपनी पहचान स्थापित करने में भी मदद मिलती है।
दूसरे शब्दों में, कॉर्पोरेट फिल्में बहुत ही सावधानीपूर्वक निर्मित वीडियो है जो एक कंपनी को अच्छी तरह से प्रदर्शित करती हैं और 5 मिनट से भी कम समय में कंपनी की कार्य प्रक्रिया के हर पहलू को उजागर कर देती है।
कंपनी द्वारा बनाई जाने वाली विभिन्न प्रकार की कॉर्पोरेट फिल्में कुछ इस प्रकार है-
- प्रमोशनल वीडियोज़
- प्रोडक्ट डेमोज़
- प्रेज़ेंटेशन वीडियोज़
- इवेंट कवरेज़ वीडियोज़
- एडवर्टिसमेंट वीडियोज़
- ट्रैनिंग वीडियोज़
- कस्टमर टेस्टीमोनियल वीडियोज़ आदि।
एक कॉर्पोरेट फिल्म हमेशा ‘लक्षित दर्शकों यानी टारगेट ऑडियंस’ को ध्यान में रखकर बनाई जाती है और इसमें ब्रांड के सूचनात्मक पहलू को शामिल किया जाता है। यदि आप लोगों से जुड़ना चाहते हैं और बाजार में आगे बढ़ना चाहते हैं तो ये विजुअल माध्यम आपके ब्रांड के लिए सबसे उपयोगी साबित होगा।
एक कॉर्पोरेट फिल्म 2-10 मिनट के बीच की हो सकती है। जैसा कि नाम से पता चलता है, ऐसी फिल्म का इस्तेमाल कंपनियां खुद को दिखाने के लिए करती हैं। एक कॉर्पोरेट फिल्म का जो सबसे महत्वपूर्ण काम है, वो है ‘एक कहानी बताना’। ये फिल्में अक्सर कंपनियों द्वारा अपने ग्राहकों को दिखाई जाती हैं और ग्राहकों को यह महसूस कराती है कि कंपनी वास्तव में क्या है! यह एक ऐसा दृश्य माध्यम है जिसके द्वारा कंपनी एक कहानी के ज़रिए न केवल दर्शकों को जोड़ती है बल्कि अपने बारे में एक बयान भी देती है।
इस प्रक्रिया में किसी भी अन्य शूट की तरह प्रोडक्शन, प्री-प्रोडक्शन, पोस्ट-प्रोडक्शन (एडिटिंग) और स्क्रिप्टिंग आदि शामिल है। इन सभी प्रक्रियाओं का ध्यान रखने के बाद ही हम वीडियो को वेबसाइट में एकीकृत करने में सक्षम हो पाते हैं।
दर्शकों का ध्यान खींचने के लिए अधिकांश वीडियो सामग्री को ऑनलाइन होस्ट किया जाता है। ये वीडियो कंपनियों की आधिकारिक वेबसाइट पर प्रकाशित होते हैं, बाद में ब्रांडिंग के लिए सोशल चैनलों पर डिस्ट्रीब्यूट कर दिए जाते हैं।
प्रचार का सबसे प्रभावी तरीका मीडिया है और ऑडियो से ज़्यादा वीडियो प्रारूप की पहुंच अधिक है। शायद यही वजह है कि आजकल कई कंपनियां खुद को प्रमोट करने के लिए मीडिया कंपनियों की सहायता से वीडियो बना रही है।
कमर्शियल विज्ञापनों के विपरीत, कॉर्पोरेट फिल्में टेलीविजन पर प्रसारित नहीं होती हैं। ये फिल्में बी2बी (बिजनेस-टू-बिजनेस) कमर्शियल बातचीत के लिए किसी अन्य कंपनी को भेजे गए आपके ब्रांड के बारे में फुटेज का व्यवस्थित संकलन होती है, जिसके ज़रिए देश-विदेश की कंपनियों से संचार किया जाता है और व्यापारिक संबंध स्थापित किये जाते हैं। कॉर्पोरेट फिल्में (जो हमें एक कंपनी की कहानी बताती हैं) आज विश्व में सबसे प्रसिद्ध, सबसे विश्वसनीय कॉर्पोरेट-निर्मित मीडिया है।
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